देशा में देश हरयाणा,
जित दूध-दही का खाना।
अपने खानपान और खिलाड़ियों के लिए मशहूर हरयाणा में दंगल खेलना एक आम बात है। दंगल का खेल जितना देखने में आसान और रोचक लगता है ये उतना ही मुश्किल और तकनीकी भी है। एक पहलवान के लिए सिर्फ ताकत और सुडौल शरीर ही सबकुछ नहीं होता बल्कि उसे फुर्ती और धैर्य के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी पहलवान का मन पढ़ना होता है और फिर मौका लगते ही सही दांव लगाना पड़ता है। इसी दंगल की संस्कृति ने हरयाणा और भारत को कई बड़े खिलाड़ी दिए हैं। जिनमें से एक नाम बजरंग पूनिया का भी है।
नाम | बजरंग पूनिया |
निक नेम | बजरंग |
प्रोफेशन | कुश्ती |
जन्मतिथि | 26 फ़रवरी 1994 |
उम्र | 28 वर्ष |
जन्म स्थान | गाँव खुड्डन |
पिता का नाम | बलवान सिंह पूनिया |
माता का नाम | ओमप्यारी |
भाई का नाम | हरिंदर पूनिया |
पत्नी का नाम | संगीता फौगाट |
लंबाई (Hight) | 166 cm |
वजन (Weight) | 65 किलोग्राम |
बजरंग पूनिया का प्रारंभिक जीवन
बजरंग पूनिया का जन्म 26 फ़रवरी 1994 को एक साधारण किसान परिवार में हुआ। गाँव का नाम खुड्डन जो हरयाणा के झज्जर जिले में आता है। पिता बलवान सिंह पूनिया और बड़े भाई हरिंदर पूनिया भी अच्छे पहलवान रहे हैं। माँ ओमप्यारी एक गृहिणी हैं। बजरंग की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव में ही पूरी हुई। जिसके बाद बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (रोहतक) से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। बजरंग पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का काम भी किया।
बजरंग ने अपने खेल की शुरुआत दंगल से ही की थी। उस समय बजरंग की आयु लगभग 7 से 8 साल थी। बजरंग बताते हैं कि वो स्कूल से बचने के लिए कुश्ती करने जाते थे। क्योंकि बजरंग के पिता बलवान सिंह पूनिया एक छोटे किसान हैं। इसलिए घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उस समय दंगल में जीतने पर पैसे, खाने के लिए फल और अन्य चीजे मिलती थी। जिस कारण बचपन में ही बजरंग का झुकाव कुश्ती की ओर होता चला गया।

बजरंग को उनके परिवार का भी भरपूर साथ मिला। बजरंग बताते हैं क्योंकि उनके पिता बलवान सिंह पूनिया भी पहलवान थे लेकिन घर में सबसे बड़े होने के कारण घर की जिम्मेदारी उन पर आ गई और बलवान सिंह पूनिया को कुश्ती पड़ी। लेकिन अपने बच्चों को पहलवान बनाने की ठान ली। बलवान सिंह पूनिया की जिद्द और उनके परिवार के संघर्ष की ही देन है की आज विश्व कुश्ती में बजरंग पूनिया का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है।
बजरंग पूनिया का करियर एवं उपलब्धि (Bajrang Punia Achievements)
बजरंग 14 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे। पहलवानों के लिए छत्रसाल की अहमियत क्या है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि साल 2000 से 2015 तक भारत के लिए खेलने वाले 80% पहलवान यहीं से निकले हैं। बजरंग को इंटरनेशनल पहलवानों के मुकाबले खड़ा करने का श्रेय पहलवान योगेश्वर दत्त को जाता है।
छत्रसाल पहुंचने के कुछ दिनों बाद ही बजरंग योगेश्वर दत्त की नजरों में आ गए और योगेश्वर ने शुरुआत में ही बजरंग को अपने अंडर में ले लिया। उनकी ट्रेनिंग शुरू की और दांव-पेंच सिखाए। जब योगेश्वर ने अपना बेस दिल्ली से हरियाणा में शिफ्ट किया, तो बजरंग भी उनके साथ हरयाणा आ गए। बजरंग को साल 2010 के बाद से सरकारी मदद मिलनी शुरू हुई थी। उसके पहले सारा खर्च बजरंग के परिवार ने ही उठाया।

जब 19 अगस्त 2018 को एशियन गेम्स में बजरंग ने भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता तब से पूरा देश बजरंग का नाम जप रहा है। वैसे कुश्ती देखने वालों के लिए बजरंग नया नाम नहीं हैं। क्योंकि इससे पहले वो 2013 में बुडापेस्ट में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। यही नहीं 2014 में बजरंग ने साउथ कोरिया में हुए एशियन गेम्स में सिल्वर और ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मैडल जीता था।
इसके बाद 2018 में बजरंग ने गोल्ड कोस्ट के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और फिर जकार्ता में गोल्ड मैडल देश की झोली में डाला। जकार्ता में बजरंग ने उस खिलाड़ी को हराया, जिसने बजरंग को एशियन चैंपियनशिप 2018 के क्वॉर्टर फाइनल में हराया था। बजरंग ने अब तक कुल 18 इंटरनेशनल मैडल जीते हैं, जिनमें से 7 गोल्ड हैं। लेकिन ये सब तो कामयाबी हैं सिर्फ ऊपर से दिखने वाली मैडल की चमक। इस चमक के लिए बजरंग पुनिया ने खुद को कितना घिसा है, असली कहानी तो वो है।
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जकार्ता में गोल्ड जीतने के बाद एक इंटरव्यू में बजरंग बताते हैं ‘अगर मैं सोचने लगूं कि मैं हार रहा हूं, तो मैं हार ही जाऊंगा। इसलिए मैं ऐसा कभी नहीं करता। पिछली बार डाइची से हारने के बाद मैंने उसके वीडियो देखे और मुश्किल हालात से निपटने के लिए अपनी तकनीक पर काम किया। कुश्ती में कुछ भी हो सकता है। पहले मैं आगे चल रहा था, फिर उसने वापसी की। ये होता रहता है और ज़्यादा सोचने पर मैच से पकड़ छूट सकती है। मैं फाइनल से पहले प्रेशर नहीं लेता और आज भी मैंने यही किया।
बजरंग पूनिया की शादी (Bajrang Punia Wife)
25 नवंबर 2020 को बजरंग पूनिया का विवाह द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित महाबीर फौगाट की सुपुत्री अंतरराष्ट्रीय पहलवान एवं नेशनल चैंपियन संगीता फौगाट से संपन्न हुआ। बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फौगाट का जन्म 5 मार्च 1998 को हुआ था और उनकी उम्र 24 वर्ष है। बजरंग पूनिया और संगीता फौगाट के बीच उनके जन्मदिन पर बातचीत शुरू हुई। बातचीत कब दोस्ती और दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला और दोनों ने परिवार की सहमति के साथ शादी का फैसला किया।

बजरंग पूनिया के पुरस्कार (Bajrang Punia Awards)
• 2015 में बजरंग पूनिया को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
• 2019 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया।
• 29 अगस्त 2019 को उन्हें राजीव गांधी खेल पुरस्कार जाना था लेकिन खेल प्रतिस्पर्धा के कारण वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शिरकत नहीं कर सके।
• 2020 में बजरंग पुनिया को फिक्की इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड्स में ‘स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बजरंग पूनिया और विवाद
वैसे तो बजरंग पूनिया का व्यक्तित्व बहुत ही शांत स्वभाव का हैं और वो विवादों से दूर ही रहते हैं। लेकिन वर्ष 2018 में एक बार बजरंग पूनिया ने खेल रत्न पुरस्कार देने की सरकारी नीति की खुलकर आलोचना की थी। बजरंग ने कहा कि उसने सूची में नामांकित किये गये दो अन्य खिलाड़ियों (विराट कोहली और मीराबाई चानू) से ज्यादा अंक जुटाये हैं कथित तौर पर, विराट कोहली को जीरो के स्कोर के साथ राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान मिला, जबकि बजरंग का उच्चतम स्कोर 80 था।
JAT Sports की तरफ से बजरंग पूनिया और उनके पूरे परिवार के संघर्ष को सलाम।
FAQs
Q. बजरंग पूनिया का गांव?
Ans. गाँव का नाम खुड्डन है। जो हरयाणा के झज्जर जिले में आता है।
Q. बजरंग पूनिया हाइट कितनी है?
Ans. बजरंग पूनिया की हाइट 166 cm है।
Q. बजरंग पूनिया की पत्नी का नाम?
Ans. संगीता फौगाट।
Q: बजरंग पूनिया की शादी कब हुई?
Ans: 25 नवंबर 2020 को बजरंग पूनिया का विवाह द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित महाबीर फौगाट की सुपुत्री अंतरराष्ट्रीय पहलवान एवं नेशनल चैंपियन संगीता फौगाट से संपन्न हुआ।
Q: बजरंग पूनिया की पत्नी की उम्र कितनी है?
Ans: बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फौगाट का जन्म 5 March 1998 को हुआ था और उनकी उम्र 24 वर्ष है।
Q: बजरंग पुनिया किस खेल से संबंधित है?
Ans: बजरंग पुनिया विश्व के मशहूर पहलवान हैं और वह फ्रीस्टाइल कुश्ती करते हैं।
Q: बजरंग पूनिया किस राज्य से संबंधित हैं ?
ANS: बजरंग पूनिया भारत के हरयाणा राज्य के रहने वाले हैं।