सविता पुनिया
सविता पुनिया भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं और भारत की राष्ट्रीय फील्ड हॉकी टीम की सदस्य हैं। वह हरयाणा की रहने वाली हैं और गोलकीपर के रूप में खेलती हैं। सविता पुनिया को 2020 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में उनके अभूतपूर्व और उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण “भारत की महान दीवार” के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने से मात्र एक कदम दूर रह गई थी और 4th स्थान हासिल किया था। जिसमें सविता का बहुत बड़ा योगदान था।
नाम | सविता पुनिया |
उपनाम | ग्रेट वाल ऑफ इंडिया |
पिता का नाम | महेंद्र सिंह |
माता का नाम | लीलावती देवी |
दादा का नाम | रणजीत सिंह |
भाई का नाम | भविष्य पुनिया |
कोच का नाम | सुन्दर सिंह खरब, Sjoerd Morijne |
जन्मतिथि | 11 जुलाई 1990 |
उम्र (Age) | 31 वर्ष (2021) |
जन्म स्थान | जोधका |
होम्टाउन | सिरसा (हरयाणा) |
हाबी | संगीत सुनना, परिवार के साथ समय बिताना |
आदर्श (Ideal) | पी आर श्रीजेश (भारतीय हॉकी खिलाड़ी) |
लंबाई | 171 cm |
वजन | 60 किलोग्राम |
पेशा | भारतीय हॉकी खिलाड़ी |
भूमिका | गोलकीपर |
अवॉर्ड | अर्जुन अवॉर्ड 2018 |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
Instagram ID | savitapuniahockey |
सविता पुनिया प्रारम्भिक जीवन
सविता पुनिया का जन्म 11 जुलाई 1990 को हरियाणा के सिरसा जिले के जोधका गांव में हुआ था। सविता को बेहतर स्कूली शिक्षा के लिए सिरसा भेजा गया था। उन्हें उनके दादा रणजीत सिंह ने हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और वह हिसार में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में शामिल हो गईं। अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान उन्हें कोच सुंदर सिंह खरब द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।
शुरुआत में सविता को हॉकी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन बाद में, जब उनके पिता ने उनकी किट पर बीस हजार रुपये खर्च किए, तो सविता ने हॉकी को एक नई रोशनी में देखना शुरू कर दिया और इसके बारे में गंभीर हो गई। 2007 में, पुनिया को लखनऊ में पहले राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया था, और उन्होंने एक शीर्ष गोलकीपर के साथ प्रशिक्षण लिया था।
सविता पुनिया करियर
सविता पुनिया ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा 2008 में किया, जो की नीदरलैंड और जर्मनी में चार देशों की एक श्रृंखला थी। इसके बाद वर्ष 2011 में सविता ने अपने वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय हॉकी करियर की शुरुआत की। उन्होंने अबतक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक खेलों में भाग लिया है। उन्होंने 2007 में राष्ट्रीय टीम के लिए क्वालीफाई किया जब वह मुश्किल से 17 साल की थीं।

2009 में, उन्होंने जूनियर एशिया कप में टीम के सदस्य के रूप में भाग लिया। 2013 में, उसने मलेशिया में आयोजित आठवें महिला एशिया कप में भाग लिया जिसमें उन्होंने पेनल्टी शूट-आउट में दो महत्वपूर्ण संभावित लक्ष्यों (गोल) को बचाया और भारत को कांस्य पदक जीताने में अहम भूमिका निभाई। वह 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य विजेता टीम का हिस्सा भी रही थीं।
वर्ष 2016 में भी सविता ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखा और जापान के खिलाफ अंतिम 1 मिनट में पेनल्टी कार्नर का सामना किया और उसे रोकने में सफल भी रही और भारत को 1-0 की बढ़त बनाए रखने में मदद की। उन्होंने 36 साल बाद टीम को रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में मदद की।

2018 के एशिया कप में, सविता ने फाइनल में चीन के खिलाफ भी अपनी बेहतरीन गोलकीपिंग का नजारा पेश किया और एक आश्चर्यजनक गोल बचाकर भारत को एशिया कप जीतने में अहम योगदान निभाया और खुद भी गोलकीपर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार प्राप्त किया। यही नहीं अपनी टीम के लिए, लंदन में 2018 विश्व कप में एक स्लॉट भी अर्जित किया।

उन्होंने न्यूजीलैंड में हॉक्स बे कप में प्रभावी प्रदर्शन किया और अपनी टीम को टूर्नामेंट में छठा स्थान हासिल करने में मदद की। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने महिला भारतीय टीम को महिला हॉकी विश्व लीग राउंड 2 के फाइनल मैच में चिली को हराने में मदद की।
सविता पुनिया ओलम्पिक
वैसे तो पूरी भारतीय टीम ने ओलम्पिक में बेहतरीन प्रदर्शन किया जिसके लिए सबके द्वारा पूरी टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा भी लकी गई। लेकिन सविता का प्रदर्शन ओर भी खास था। ओलम्पिक में भारतीय टीम ने सेमी फाइनल में पहुँचने के लिए ऑस्ट्रेलिया को भी हराया था और उस मैच में सविता पुनिया ने 7 से भी ज्यादा गोल बचाए थे जिस कारण भारतीय टीम 1-0 से जीतने में सफल रही थी। लेकिन बाद में इंग्लैंड से हारने के कारण 4th स्थान पर रही। हॉकी में अच्छे प्रदर्शन और गोल रोकने की क्षमता को देखते हुए ही उन्हें ‘वॉल ऑफ़ इंडियन महिला हॉकी टीम’ (wall of Indian womens Hockey team) भी कहा जाता है।

सविता पुनिया और विवाद
2016 में एक साक्षात्कार में, सविता पुनिया ने खुलासा किया कि उन्हें हरियाणा सरकार की मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना के तहत नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली। सविता ने कहा कि एक साल बाद भी कुछ नहीं बदला है। लेकिन इस बयान को नैशनल मीडिया द्वारा ज्यादा कवर नहीं मिला और कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ।
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सविता पुनिया पुरस्कार
- 2015 में सविता को बलजीत सिंह गोलकीपर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से नवाजा गया।
- हॉकी में सविता पुनिया के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए साल 2018 में भारत सरकार ने सविता को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- हॉकी स्टार अवार्ड्स 2021 में प्रतिष्ठित ‘एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर – वीमेन’ का पुरस्कार जीता।

सविता पुनिया फोटो गैलरी





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FAQs
Q: सविता पुनिया कौन है?
Ans: सविता पुनिया एक हॉकी खिलाड़ी (गोलकीपर) हैं और भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए खेलती हैं।
Q: क्या सविता पुनिया की शादी हो चुकी है?
Ans: नहीं, अभी सविता ने शादी नहीं की है।
Q: सविता पुनिया की उम्र कितनी है?
Ans: सविता पुनिया का जन्म 11 जुलाई 1990 को हुआ था और वह अभी 31 वर्ष की हैं।
Q: सविता पुनिया के दादाजी का क्या नाम है?
Ans: सविता के दादाजी का नाम रणजीत सिंह पुनिया है।
Q: सविता पुनिया को अर्जुन पुरस्कार कब मिला?
Ans: सविता पुनिया को भारत सरकार द्वारा 2018 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया।