चर्चा में क्यों?
सुमित अंतिल टोक्यो 2020 पैरालंपिक में गोल्ड मैडल जीतने के कारण चर्चा में हैं।
सुमित अंतिल का जन्म, जाति एवं परिवार
पूरा नाम | सुमित अंतिल |
निक नेम | अंतिल |
प्रोफेशन | जैवलीन थ्रोअर |
जन्मतिथि | 07 जून 1998 |
उम्र | 23 साल |
जन्म स्थान | खेवड़ा गाँव, सोनीपत, हरियाणा |
पिता का नाम | रामकुमार अंतिल |
माता का नाम | निर्मला देवी |
बहन | किरण, सुशीला और रेणु। |
शौक | पहलवानी |
होमटाउन | हरियाणा |
धर्म | हिंदू |
जाति | जाट |
कोच का नाम | नवल सिंह |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
बालों का रंग | काला |
आंखों का रंग | काला |
हाइट | 1.88 m |
कॉलेज | रामजस कॉलेज दिल्ली |
शिक्षा | B.Com from रामजस कॉलेज दिल्ली |
शादी | अविवाहित |
Instagram ID | antil_sumit7698 |

सुमित का जन्म 07 जून 1998 को हरयाणा सोनीपत जिले के खेवड़ा गाँव में हुआ। पिता रामकुमार अंतिल एयर फोर्स में कार्यरत थे। लेकिन लंबे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद बच्चों की जिम्मेदारी अकेली माँ पर आ गई। माँ निर्मला देवी एक ग्रहणी हैं। सुमित 4 भाई-बहन है। 1 भाई और 3 बहन।
सुमित अंतिल का परिवार (sumit antil family)
सुमित अंतिल जाट जाति से हैं, और उनके परिवार में उनकी मां निर्मला देवी और तीन बहनें किरण, सुशीला और रेणु हैं। जब वह केवल सात साल के थे तब उनके पिता राम कुमार का निधन हो गया था।

एक हादसे ने बदली जिंदगी (sumit antil accident)
सुमित पहले पहलवान बनना चाहते थे और पहलवान योगेश्वर दत्त से काफी प्रभावित थे। लेकिन साल 2015 में एक सड़क हादसे ने सब कुछ खत्म कर दिया। 5 जनवरी 2015 की शाम को सुमित ट्यूशन लेकर मोटर-साइकिल से अपने घर जा रहे थे अचानक रास्ते में उनकी एक ट्रैक्टर के साथ भिड़ंत हो गई। ट्रैक्टर का एक पहिया सुमित की टांग के ऊपर से निकल गया। जिससे सुमित बुरी तरह घायल हो गए। जिस कारण सुमित की जान बचाने के लिए उनकी एक टांग को काटना पड़ा। जिससे सुमित का पहलवान बनने का सपना टूट गया। उस समय सुमित केवल 17 साल के थे।
सुमित अंतिल शिक्षा
सुमित ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सोनीपत से की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए रामजस कॉलेज दिल्ली चले गए और वहाँ से B.Com की डिग्री प्राप्त की।
सुमित अंतिल ने कैसे की जैवलीन थ्रो की शुरुआत
हादसे में टांग गवाने के बाद सुमित कुश्ती नहीं कर प रहे थे। लेकीन खेल के क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा अभी जिंदा थी। एक दिन सुमित के एक साथी ने उसकी मुलाकात कोच नवल सिंह से कराई। कोच नवल सिंह ने सुमित को जैवलीन थ्रो में हाथ आजमाने की सलाह दी। जिसको सुमित ने स्वीकार कर लिया। 2017 में, सुमित ने दिल्ली में कोच नितिन जायसवाल के तहत प्रशिक्षण शुरू किया।
शुरुआत में सुमित को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई बार अभ्यास करते समय सुमित तंग से खून बहना शुरू हो जाता था। लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी ओर मेहनत जारी रखी और राष्ट्रीय स्तर पर भाला फेंक में प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया। इसी मेहनत के बल पर आज सुमित F-64 केटेगरी में एक के बाद एक अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 68.55 मीटर भाला फेंक कर विश्व रिकॉर्डधारी बने हैं और पूरा विश्व उनकी जमकर तारीफ कर रहा है।
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सुमित अंतिल का करियर (Sumit Antil career)
सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैम्पियनशिप में भाग लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सके। फिर 2019 में, इटली में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में, सुमित ने संयुक्त स्पर्धा में रजत पदक जीतने के लिए F64 केटेगरी में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। इसके बाद उन्होंने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दुबई, 2019 में रजत पदक जीता और इस प्रक्रिया में F64 श्रेणी में अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया।

इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया और गोस्पोर्ट्स ने उन्हें 2019 में पैरा चैंपियंस कार्यक्रम में शामिल किया। 30 अगस्त 2021 को, सुमित ने 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में भाला फेंक F64 में 68.55 मीटर के विश्व रिकॉर्ड थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
जैवलीन थ्रो में F64 Category क्या है?
पैरालंपिक में अलग-अलग क्षमता के खिलाड़ी भाग लेते हैं। सभी खिलाड़ियों के अलग-अलग अंग में दिक्कत होती है। जिस कारण सभी को एक ही केटेगरी में रखना संभव नहीं है। F64 केटेगरी में सिर्फ वही खिलाड़ी भाग ले सकते हैं जिनके किसी भी एक पैर में दिक्कत है, और जो खड़े होने या चलने-फिरने के लिए एक विशेष कृत्रिम टांग (प्रोस्थेटिक्स) का प्रयोग करते हैं।
FAQs
Q. Sumit Antil village?
Ans. खेवड़ा
Q. Sumit Antil college?
Ans. रामजस कॉलेज दिल्ली
Q. Sumit Antil disability?
Ans. F64 Category, बायां पैर घुटने से नीचे कटा हुआ है।